आज से उत्तराखंड लॉकडाउन, न हों परेशान, यहां मिलेंगे आपके सारे सवालों के जवाब
रविवार को लोगों ने जनता कर्फ्यू को अभूतपूर्व तरीके से सफल बनाया। स्वेच्छा से लोग घरों में रहे। अब 22 मार्च की रात नौ बजे से 31 मार्च की रात 12 बजे तक सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन घोषित किया है। लॉकडाउन का सामना प्रदेश के लोग पहली बार कर रहे हैं।
 

ऐसे में कई सवालों का उभरना भी स्वाभाविक ही है। ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब हमने देने की कोशिश की है। लॉक डाउन को एक सर्जन की छुरी की तरह इस्तेमाल किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक कोरोना संक्रमण पर जीत पाने का एक मात्र उपाय ही सामाजिक रूप से सुरक्षित दूरी बना कर रखने की है।

इसलिए लॉकडाउन का रास्ता अपनाया गया है। इसका एक ही उद्देश्य है कि संक्रमण अगर कहीं है तो वह उस जगह से दूसरी जगह नहीं फैले। इसीलिए आने जाने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया गया है।


क्या उत्तराखंड में बाहर से यहां के रहने वालों के परिचित आ सकते हैं?



- राज्य की सीमा पूरी तरह से बंद कर दी गईं हैं। बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति बिना वाजिब कारण के प्रदेश में प्रवेश नहीं कर सकता। उत्तराखंड का मूल व्यक्ति अगर अपने गांव या शहर आना चाहता है तो उसके पास दस्तावेज होने चाहिए। उसकी सीमा पर स्क्रीनिंग होगी और उसके बाद ही वह राज्य में प्रवेश कर पाएगा।

क्या एक शहर से दूसरे शहर में आ जा सकेगा?
- प्रदेश सरकार की कोशिश है कि जो जहां है, वहीं रहे। एक शहर से दूसरे शहर में आना जाना भी प्रतिबंधित है। अगर किसी के पास किसी रोगी की तीमारदारी करने या अन्य कोई वाजिब कारण है तो वह आ जा सकेगा। जरूरी वस्तुआें के परिवहन और अति आवश्यक सेवाओं को इसमें छूट दी गई है।

क्या अस्पताल, ब्लड बैंक, बैंक, एटीएम, कैमिस्ट, पेट्रोल पंप आदि खुले रहेंगे?
- सरकार ने इन सबको जरूरी सेवाओं में शामिल किया है। अस्पताल से लेकर ब्लड बैंक, बैंक,
एटीएम, कैमिस्ट, पेट्रोल पंप आदि खुले रहेंगे। शर्त यही है कि यहां भी पांच से ज्यादा
कर्मचारी या लोग जमा नहीं होंगे। पुलिस चौकियों और थानों को भी इसमें छूट दी गई है।

दूध, फल, सब्जी, राशन आदि के लिए क्या व्यवस्था रहेगी?
इन सब की खरीद, बिक्री, लाने ले जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। सरकार ने माना है
कि रोजमर्रा की ये वस्तुएं जीवन यापन के लिए जरूरी हैं।